चम्पारण के मूल निवासी, #भोजपुरी के वरिष्ठ कवि श्री धनुष धारी कुशवाहा जी अपना हास्य-व्यंग्य #कविता खातिर जानल जानी आ उहाँ के अइसने एगो कविता 'चमचा जी' सुने के मिलल रहे 'चम्पारण भोजपुरिया लोक उत्सव' में। रउवो सभे सुनीं श्री धनुष धारी कुशवाहा जी के ई कविता आ दोसरो के सुनाईं। 'चम्पारण भोजपुरिया लोक उत्सव-2' के दिन रोपा गइल बा आ रउवा सभे से निहोरा बा कि 31 अक्टूबर 2019 के पहुँच के भोजपुरी माटी के सोन्ह महक के आनंद लिहीं।
Read More